पोप फ्रांसिस की मौत के बाद सबको इंतेजार है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. इसको लेकर अलग दावे किए जा रहे हैं और दुनिया भर से लोग अपने-अपने पसंदीदा पादरी को उत्तराधिकारी का समर्थन दे रहे हैं. ईसाई देशों से ही नहीं पादरी की दावेदारी मुस्लिम देशों से भी ठोकी जा रही है.
इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल सुदानी ने मंगलवार को बगदाद स्थित चाल्डियन कैथोलिक चर्च के प्रमुख को पोप फ्रांसिस का उत्तराधिकारी बनाने के लिए अपना ‘अटूट समर्थन’ देने की पेशकश की है. अल सुदानी ने कहा कि 76 साल के कार्डिनल लुइस साको पोप फ्रांसिस की जगह लेने के लिए ‘मध्य पूर्व से एकमात्र नामित व्यक्ति’ होंगे.
क्यों हो रही कार्डिनल को पोप बनाने की मांग
अल सुदानी ने कार्डिनल को ‘स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से सम्मानित’ बताया और कहा कि उन्होंने ‘शांति को आगे बढ़ाने और अंतर-धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.’ उनके इसी काम के लिए उनको पोप बनाने की मांग की जा रही है.
अगर अगला पोप मध्य पूर्व से होता है, तो ये हाल ही में जारी फिलिस्तीनी नरसंहार में बड़ा बदलाव ला सकता है. पोप फ्रांसिस भी फिलिस्तीन की आजादी के समर्थक रहे हैं और इजराइली हमलों का लगातार विरोध करते रहे हैं.
88 साल की उम्र में हुआ पोप का निधन
वेटिकन ने सोमवार को पोप फ्रांसिस के निधन का ऐलान किया. पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया और अपने 12 साल के पोपत्व के दौरान कई बीमारियों से पीड़ित रहे. पोप फ्रांसिस दुनिया के रोमन कैथोलिकों के पहले लैटिन अमेरिकी नेता थे और सीरिया में जन्मे ग्रेगरी तृतीय के बाद 1 हजार से ज्यादा सालों के लिए यूरोप के बाहर से आने वाले पहले पोप थे.
बता दें, पोप फ्रांसिस के स्वास्थ्य में गिरावट के साथ ही उनके उत्तराधिकारी के बारे में अटकलें शुरू हो गई थीं, यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व के कार्डिनल्स के नाम प्रसारित हो रहे थे. ईसाई धर्म से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसी अटकलें सामान्य हैं और आमतौर पर पोप की मृत्यु के बाद होती हैं.